भूतनाथ मंदिर :-शिखर शैली में बना यह मन्दिर नगर के संस्थापक राजा अजबर सेन ने (1500-1534 ई.) बनवाया था। मण्डी शहर के मध्य में निर्मित मंदिर की समूची संरचना में गर्भगृह, सभा मंडप और अर्ध मण्डप देखे जा सकते हैं। मंदिर के प्रांगण में लगभग आधा मीटर ऊंचे अधिष्ठान पर कुकुदयुकत नंदी (कय परिणाम) गर्भ गृह में स्थापित शिवलिंग की ओर उन्मुख हैं।
मंदिर में नंदी की पूंछ पकड़े हुए एक लघु आकर की मानवाकृति है जो इस प्रतिमा को एक विशष्टता देती है। सभा मण्डप के आगे एक अर्ध मंडप है। सभा मण्डप का प्रवेश द्वारा अलंकृत है। यह तोरणद्वार हस्ति-मस्तक, विद्याधर तथा वीणाधरी किन्नर-गन्धर्वो से अलंकृत है। सभा मण्डप की अपेक्षा मन्दिर का विमान काफी ऊँचा है। इसको नगर के किसी भी भाग से देखा जा सकता है। इस मन्दिर की आधारशिला अजबर सेन ने स्वपन में शिव भगवन के दर्शन के बाद रखी। इसलिए इस मंदिर का सम्बन्ध शिवरात्रि मेले के साथ भी जोड़ा जाता है।
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