टारना देवी- श्यामकली का यह मंदिर टारना नामक पहाड़ी पर मण्डी नगर से ऊपर की ओर स्थित है। इस मन्दिर का निर्माण राजा श्याम सेन (1664-1679 ई.) ने लोहरा के स्थान पर सुकेत के राजा जीत सेन के साथ हुई लड़ाई में विजय प्राप्त करने के उपलक्ष्य में किया था। इस मंदिर का निर्माण 1659 ई. में हुआ माना जाता है। मंदिर एक ऊँची जगती पर स्थित है। परम्परागत शैली की नक्काशी में मुग़ल शैली की पच्चीकारी के अनुरूप सोने और चांदी से मंडित है। शिखरयुक्त गर्भ गृह के चारों ओर सतम्भ युक्त मेहराबदार बरामदा बना हुआ है जो प्रदक्षिणा पथ का काम देता है। धार्मिक दृष्टि से मंदिर शक्ति पीठ माना जाता है। मंदिर में शामकाली की मूर्तियां अवलोकनीय है। मूर्ति त्रिमूर्ति है। इसके साथ अनेक प्रतिमाएं रखी गई हैं। देवी का महिषासुरमदृनि रूप में भी यहाँ देखा जा सकता है। भैरवी की मूर्ति भी देवी के साथ रखी गई है।
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